SEO, SEM, Social Media and Content Marketing, Branding, Marketing Analytics
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Photoshop use for Marketing
फोटोशॉप क्या है? What is Photoshop? Photoshop Tutorial in Hindi
हम जानेंगे की फोटोशॉप क्या है? कैसे काम करता है? और फोटोशॉप को कैसे सीखा जा सकता है? फोटोशॉप image editing, graphics designing and Raster Image Creation का बहु उपयोगी सॉफ्टवेयर है, जो की photographers, graphics designer and web designers के द्वारा प्रयोग किया जाता है Photoshop layer based software है जिसमे एक साथ कई लेयर पर काम किया जाता है।
What is Photoshop?
फोटोशॉप, इमेज एडिटिंग और ग्राफ़िक्स डिजाइनिंग की दुनिया का महाराजा है।
यह फोटो में करेक्शन, प्रोसेसिंग, क्लीनिंग, डिजाइनिंग और इफ़ेक्ट डालने आदि के लिए मशहूर एवं शक्तिशाली सॉफ्टवेयर है।
यह सॉफ्टवेयर दो भाइयों Thomas Knoll and John Knoll ने सत्र 1988 में बनाया था जिसे सत्र 1989 में Adobe Systems Inc. ने खरीद लिया था।
इसके बाद से कंपनी इसमें लगातार प्रगति करती जा रही है, हर बार नए version के साथ इसकी पुरानी कमियों को दूर किया जा रहा है और इंडस्ट्री के अनुसार नए फीचर्स जोड़े जा रहे हैं।
आगे Photoshop tutorial in Hindi में हम जानेंगे
Minimum system requirements for Photoshop CS2 to CS6
(फ़ोटोशॉप के लिए न्यूनतम कंप्यूटर क्षमता)
प्रोसेसर (Processor) Intel® प्रोसेसर या AMD प्रोसेसर (64-बिट) या (32-बिट), 2 गीगाहर्ट्ज या उससे ज्यादा
ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) विंडोज 7 (64-बिट) या (32-बिट), विंडोज 10, मैक MAC (Macintosh)
रेम (RAM) 2 GB or (8 GB recommended)
हार्ड डिस्क (Hard disk) 3.1 GB इंस्टाल के लिए और 1TB या ज्यादा जरूरत के अनुसार
मॉनिटर रिज़ॉल्यूशन (Monitor resolution) 1024 x 768 display (1280×800 recommended)
ग्राफिक्स कार्ड (Graphics processor acceleration requirements) Open GL 2.0 – capable system
इंटरनेट फोटोशॉप सॉफ्टवेयर के लाइसेंस को रजिस्टर करने के लिए इंटरनेट कनेक्शन
Adobe Photoshop version history
Photoshop 1.0 – February 1990
Photoshop 2.0 – June 1991
Photoshop 3.0 – September 1994
Photoshop 4.0 – November 1996
Photoshop 5.0 – May 1998
Photoshop 6.0 – September 2000
Photoshop 7.0 – March 2002
Photoshop 8.0 CS – October 2003
Photoshop 9.0 CS2 – April 2005
Photoshop 10.0 CS3 – April 2007
Photoshop 11.0 CS4 – October 2008
Photoshop 12.0 CS5 – April 2010
Photoshop 13.0 CS6 – May 2012
Photoshop 14.0 CC – June 2013
Photoshop 15.0 CC – June 2014
Photoshop 16.0 CC – June 2015
Photoshop 17.0 CC – June 2016
Photoshop 18.0 CC – November 2016
Photoshop 19.0 CC – October 2017
Photoshop 20.0 CC – October 2018
Photoshop 21.0 CC – November 2019
Photoshop 22.0 CC – October 2020
Adobe Photoshop version history
Adobe Photoshop version history
Adobe Photoshop डाउनलोड कैसे करें?
What is Photoshop? इसका जबाब तो अब तक आपको मिल गया होगा, अब आगे जानते हैं की इसे डाउनलोड करने के तरीके-
Trial Version –
एडोबी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर आप इसका Free Photoshop Trial Version Download कर हैं जो आपको इस सॉफ्टवेयर के सभी फीचर को उपयोग करने का मौका देता है।
इसे आप ३० दिनों तक उपयोग कर सकते हैं, इसके बाद अगर पसंद आये तो full version ले सकते हैं।
Full License Version –
आप एडोबी की ऑफिसियल वेबसाइट से Free Photoshop Trial Version Download कर सकते हैं, इसके लिए आपको ऑनलाइन पेमेंट करना होगा, जो १ साल के लिए वैध होगा, इसके बाद हर साल फीस पेमेंट करनी होगी।
वैसे तो ज्यादातर लोग इस तरह लाइसेंस वर्शन उपयोग नहीं करते लेकिन मैं यही कहूंगा की लाइसेंस वर्शन ही उपयोग करना चाहिए,
क्योकि यह सबसे सुरक्षित और विश्वशनीय होता है, इसमें एडोबी की टीम भी सपोर्ट देती है, और virus, malware आदि का ख़तरा नहीं होता।
Free Creak Version –
वैसे तो फ्री या क्रैक वर्शन का उपयोग नहीं करना चाहिए और मै किसीको इसे डाउनलोड करनी की सलाह भी नहीं दूँगा, क्योकि इसमें सुरक्षा की दृष्टि से बहुत खतरा होता है।
यदि ऐसे फ्री सॉफ्टवेयर को आप उपयोग करते हैं, तो आपके डाटा चोरी होने और वायरस या मैलवेयर का खतरा भी होता है।
लेकिन फिर भी जानकारी के लिए आपको बता दूँ की आप Google पर search करें “Free Photoshop download” तो आपको बहुत साडी वेबसाइट मिल जायँगी जो फ्री setup & creak उपलब्ध कराती हैं जो की खतरनाक भी साबित हो सकते हैं।
इनमें से किसी भी उचित तरीके से Photoshop setup को डाउनलोड करने के बाद उसे Run करें और सभी स्टेप्स को पूरा करें और फिर यह powerful software का उपयोग करने के लिए तैयार है।
Adobe Photoshop से पैसे कैसे कमाएं?
यह केवल एक सॉफ्टवेयर नहीं है यह एक ऐसा tool है जो आपको बहुत आगे ले जा सकता है।
इस सॉफ्टवेयर को चलाना सीखने का मतलब है, एक ऐसी skill का होना जो आपको life में बहुत काम आ सकती है यह एक Art है।
जो व्यक्ति फोटोशॉप को चलाना जानता है वह कई तरह से पैसे कमा सकता है।
चलिए Photoshop tutorial in Hindi में आगे जानते हैं की किन तरीकों से आप earning कर सकते हैं।
Photo Editing Job से पैसे कमा सकते हैं
आप अपने ही शहर में किसी फोटो स्टूडियो या कलर फोटो प्रिंटिंग लैब में जॉब कर सकते हैं यदि आपको फोटोशॉप का थोड़ा अनुभव है, तो आप किसी अच्छे स्टूडियो या लैब में जाकर बात कर सकते हैं,
और उनको अपनी इस skill के बारे में बताकर जॉब के लिए apply कर सकते हैं।
Flex Printing & Graphics Designing से earning सकते हैं
आजकल हर शहर में Flex printing का काम हो रहा है इसके लिए बड़े बड़े बैनर बनाने और उनको डिज़ाइन करने के लिए Artist approach रखने वाले लोगों की बहुत जरुरत होती हैं।
यदि आप creative वर्क सीख लेते हैं, तो बहुत ही आसानी से आपको प्रिटिंग प्रेस और डिजाइनिंग स्टूडियो में जॉब मिल सकती है।
Photo Album & Calendar Designing से कमा सकते हैं
Wedding Album Designing का काम बहुत ही बड़े पैमाने पर हर नगर, गांव या शहर में चल रहा है, हर साल सैकड़ों शादियाँ होती हैं, जिसके लिए वेडिंग एल्बम डिज़ाइनर की आवश्यकता होती है।
इसके लिए आप खुद ही स्टूडियो या फोटोग्राफर से संपर्क करके काम ले सकते हैं या जॉब की तलाश भी कर सकते हैं।
मैं खुद एल्बम डिजाइनिंग का काम करता हूँ, और इस तरह केवल यही काम करके भी व्यक्ति अच्छा पैसा कमा सकता है।
इसके साथ साथ आप दूल्हा दुल्हन के फोटो, बच्चो के फोटो या फ़ैमली फोटो का उपयोग करके बहुत ही creative Calendar भी बनाये जा सकते हैं।
Logo Designing से पैसे बना सकते हैं
हर कंपनी या बिज़नेस को अपनी personal branding के लिए एक Logo की आवश्यकता जरूर होती है। Logo एक बहुत ही important factor होता है इसका काम करके आप ज्यादा पैसा भी ले सकते हो।
एक Logo बनाने का 500 से 1000 रूपये आसानी से लिया जा सकता है, यह एक Creative Art है।
YouTube Thumbnails & Website Banner बनाकर कमाई कर सकते हैं
आज कल हर YouTube video के लिए thumbnail image की जरुरत होती है, आप किसी You Tuber के लिए या फिर अपने YouTube channel के लिए attractive thumbnail design करके पैसा कमा सकते हैं।
यह तरीका तो अभी बहुत famous और trending है thumbnail जितना आकर्षक होता हैं उतने ही ज्यादा यूजर के द्वारा उस पैर click करने की संभावना बढ़ जाती है।
Website psd Template बनाकर कमाएं
यदि आप online work करना पसंद करते हैं तो Photoshop बहुत ही शानदार टूल साबित हो सकता है। इससे आप website template बनाकर online marketplace पर sale कर सकते हैं।
website template psd और jpeg format में sale किये जाते हैं। इसके लिए बहुत सारे ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध हैं।
Digital Marketing Content create करके पैसे कमाएं
आज के इस डिजिटल युग में डिजिटल मार्केटिंग income करने का बहुत ही अच्छा जरिया है। एक फोटोशॉप आर्टिस्ट डिजिटल मार्केटिंग के लिए image और banner बनाकर अच्छी income कर सकता है।
इसके साथ साथ Social media पर promotion करने के लिए रोजाना ही आकर्षक फोटो और बैनर की जरुरत होती है, यह बहुत ही demanding field है।
Computer Institute में Photoshop trainer की तरह जॉब कर सकते हैं
लगभग सभी कंप्यूटर इंस्टिट्यूट में DCA या PGDCA जैसे और भी course में फोटोशॉप सिखाया जाता है, जिसके लिए एक अच्छे trainer की आवश्यकता होती हैं।
आप इस योग्यता को और भी निखारकर students को सीखा सकते हैं, और part-time जॉब करके भी पैसा कमा सकते हैं।
इस तरह बहुत सारे जॉब और बिज़नेस मॉडल हैं, जिनका उपयोग करके आप पैसे कमा सकते हैं।
Adobe Photoshop का उपयोग कैसे करें
फोटोशॉप का अच्छी तरह उपयोग करने के लिए और इसे सीखने के लिएआपको दो चीजों की जरुरत है
पहला फोटोशॉप के सभी टूल्स और ऑप्शन की जानकारी होना,
दूसरा अच्छी प्रेक्टिस और अनुभव,
इसके अधिकांश Menu & options अन्य सॉफ्टवेयर की तरह ही होते हैं लेकिन कुछ options बिलकुल ही अलग हैं इसमें एक Tool Box है जिसमे बहुत सारे tools होते हैं।
जिसमें हर एक टूल का अलग ही उपयोग एवं महत्त्व है आगे आपको tools की लिस्ट दी जा रही है जिसमे हर एक टूल के बारे में जान सकते हैं।
Adobe Photoshop Tools
• Marquee Tool
• Move Tool
• Lasso Tool
• Magic Wand Tool
• Crop Tool
• Slice Tool
• Patch Tool
• Spot Healing Tool
• Healing Brush Tool
• Red Eye Tool
• Brush Tool
• Clone Stamp Tool
• Pattern Stamp Tool
• History Brush Tool
• Eraser Tool
• Background Eraser Tool
• Magic Eraser Tool
• Paint Bucket Tool
• Gradient Tool
• Blur Tool
• Sharpen Tool
• Smudge Tool
• Dodge Tool
• Burn Tool
• Sponge Tool
• Path Selection Tool
• Text Tool
• Pen Tool
• Custom Shape Tool
• Rectangle Tool
• Rounded Rectangle Tool
• Ellipse Tool
• Polygon Tool
• Note Tool
• Audio Annotation Tool
• Eye Dropper Tool
• Measure Tool
• Hand Tool
• Zoom Tool
• Color Picker
23min
What is domain Name
डोमेन नाम क्या है – What is Domain in Hindi
वेबसाइट बनाने के पहले ये जानना जरुरी है की डोमेन नाम क्या है (What is Domain Name in Hindi). इंटरनेट में आपने ये जरूर देखा होगा की हर वेबसाइट का Domain Name होता है. जो इंटरनेट की दुनिया में उसकी एक अलग पहचान बनाती है. लेकिन ये क्या होता है?
डोमेन नाम को हम वेबसाइट का नाम भी कह सकते हैं. वैसे तो हर वेबसाइट टेक्निकली आईपी एड्रेस पर ही चलता लेकिन इस को याद करना मुश्किल है. वेबसाइट को आसानी से पहचाना जा सके इसीलिए डोमेन नाम का इस्तेमाल करते हैं.
कंप्यूटर हर वेबसाइट को कनेक्ट करके खोलने के लिए IP address का उपयोग करते हैं. यह संख्याओं की एक सीरीज ही होती है. इसी का इस्तेमाल अलग अलग डोमेन नाम एक्सटेंशन उदाहरण के लिए .com, .net, .in, .org, .gov इत्यादि.
मेरे कुछ दोस्त भी हैं जिन्हे ब्लॉग्गिंग की जानकारी बिलकुल भी नहीं है. लेकिन उन्हें ये तो मालूम है की वेबसाइट बनाना होता है तो सबसे पहले सोच विचार कर के एक नाम खरीदना पड़ता है.
भले ही ये नहीं पता होता है की डोमेन नाम क्या होता है और कैसे काम करता है. तो चलिए मैं आपको सरल भाषा में इसके बारे में बताता हूँ और ये भी बताऊंगा की वेबसाइट बनाने के लिए इसकी जरुरत क्यों पड़ती है.
इसके साथ ये भी जानेंगे की ये कितने प्रकार के होते हैं (types of domain name in hindi). तो बिना देरी किये हुए चलिए शुरू करते हैं पूरी जानकारी हिंदी में.
विषय दिखाएँ
डोमेन नाम क्या है – What is Domain in Hindi?
Domain Name इंटरनेट में किसी वेबसाइट का एक पहचान होता है.
DNS (Domain Naming System) या Domain Name एक ऐसा सिस्टम है जो वेबसाइट का नामकरण करता है.
हर वेबसाइट को लोग उसके नाम से ही पहचानते हैं. वैसे तो हर वेबसाइट एक IP Address (Internet Protocal Address) से जुड़ी होती है.
ये IP address numbers के रूप में होता है जैसे आप इस उदाहरण में देख सकते हैं. ex : (124.115.121.114) IP Address देखने इस तरह का होता है.
Browser में जब किसी वेबसाइट को खोलते हैं तो इस नाम से जुड़ा IP Address ब्राउज़र को बताता है की वो वेबसाइट का एड्रेस कहाँ है.
मैं आपको DNS एक उदाहरण के द्वारा समझाता हूँ.
दुनिया में जिस तरह इंसान अलग अलग तरह के होते हैं और उनकी पहचान के लिए हम एक नाम का इस्तेमाल करते हैं.
सोचिये अगर नाम न हो तो कितना मुश्किल होता. जिस तरह इंसान की पहचान के लिए नाम का इस्तेमाल किया जाता है, उसी की तरह वेबसाइट भी अलग अलग तरह के होते और अलग अलग टॉपिक के होते हैं.
उनके भी पहचान उनके Domain Name से किया जाता है.
इनवर्स डोमेन क्या होता है?
इन्वर्स डोमिन का इस्तेमाल किसी भी एड्रेस को नाम में मैप करने के लिए किया जाता है.
यह तब हो सकता है, उदाहरण के लिए, जब कोई सर्वर होता है. एक client से एक काम करने के लिए रिक्वेस्ट प्राप्त हुआ.
इस प्रकार की क्वेरी को इन्वर्स या पॉइंटर (PTR) क्वेरी कहा जाता है. एक पॉइंटर क्वेरी को हैंडल करने के लिए, इन्वर्स डोमेन को first-level node के साथ नाम नाम स्थान में जोड़ा जाता है.
दूसरा स्तर एक single node भी है जिसका नाम एड-इनर (व्युत्क्रम पता के लिए) है. बाकी डोमेन IP address को defined करता है.
Domain name system की परिभाषा
DNS का फुल फॉर्म Domain name system होता है.
इसका मुख्य काम DNS को IP address में कन्वर्ट करना होता है.
हम किसी भी वेबसाइट को उसके डोमेन नाम से खोलते हैं. इसके लिए वेब ब्राउज़र में जाकर हमे बस डोमेन नाम एड्रेस बार में जाकर डालना होता है.
अब यहाँ से DNS अपना काम शुरू कर देता है.
DNS उस नाम नाम को IP address में बदल देता है जो की उसके सर्वर को पॉइंट की हुई होती है.
अब DNS की वजह से pointed ip address उस सर्वर से सारा डाटा लाती है और ब्राउज़र में वेबपेज के माध्यम से हमे दिखा देती है.
यहाँ सबसे जरुरी बात ये है की हम दुनिया के हर वेबसाइट का ip address यद् कर के नहीं रख सकते है.
या फिर यूँ कहे की हम किसी एक वेबसाइट का भी ip address याद कर ले तो बहुत बड़ी बात है.
ये ip address याद न करना पड़े इसके लिए नाम का प्रयोग किया जाता है.
URL क्या होता है (Uniform Resource Locator in Hindi)
जब हम browser के अंदर address bar जहाँ पर वेबसाइट का Address डाल के वेबसाइट open करते हैं तो कभी कभी एड्रेस बार पूरा भर जाता और देखने में काफी लम्बा लगता है.
इसमें इस पुरे लाइन को URL कहा जाता है URL बहुत लम्बा भी हो सकता है.
https://www.wtechni.com/search?dcr=0&source=hp&ei=16_SWun7BZfEvwTDqLnICQ&q=what+is+domain – ( This is called URL)
इस पूरी लाइन का छोटा हिस्सा जो वेबसाइट का नाम होता है वो डोमेन होता है.
Name को टेक्निकल भाषा में DNS से सम्बोधित किया जाता है जिसका पूरा फॉर्म होता है DNS.
Domain Name कैसे काम करता है ?
जिस तरह हम अपने मोबाइल फ़ोन में सांग्स और वीडियोस को स्टोर करने के लिए फ़ोन मेमोरी या फिर मेमोरी कार्ड, SD कार्ड का प्रयोग करते हैं.
ठीक वैसे ही इंटरनेट में जितनी भी वेबसाइट हैं सभी वेबसाइट सर्वर या होस्ट में स्टोर की हुई रहती हैं और नाम उस होस्टिंग सर्वर IP को पॉइंट की हुई होती है.
जब हम ब्राउज़र में जाते हैं और उसके एड्रेस बार में वेबसाइट का नाम डालते हैं तो नाम जो की एक IP address से जुड़ा होता है.
वो DNS Host server के IP को पॉइंट कर देती है और उस DNS नाम से बनी वेबसाइट जिसे हम ओपन करना चाहते हैं.
उसके सारे डाटा को सर्वर से ला के हमारे सामने दिखा देती है और इस तरह से हम किसी वेबसाइट को ब्राउज़र में देख पाते हैं.
Domain name का प्रयोग IP Address के लिए क्यों होता है?
चलिए समझते हैं की DNS name का प्रयोग IP Address के लिए क्यों किया जाता है.
ये नाम IP Address को represent करता है, एक या उससे ज़्यादा IP (Internet protocal) को पहचानने के लिए साइट names का इस्तेमाल किया जाता है.
हर DNS किसी IP Address से कनेक्टेड होता है। आप के दिमाग में चल रहा होगा की आखिर क्यों IP Address के लिए नाम का use होता है?
तो इसका जवाब ये है की IP Address को हम याद नहीं कर सकते हैं क्यों की ये नंबर डिजिट में होते हैं.
साइट नाम को याद करना आसान होता है और इसे हम अपनी टॉपिक के अनुसार सेलेक्ट भी कर सकते हैं.
जो वेबसाइट के niche को अच्छी तरह से एक्सप्लेन कर सकता है. DNS एक तरह से IP एड्रेस को ट्रांसलेट करता है जो नंबर्स को शब्दों में बदल देता है.
IP Address जो नंबर में होता है ये Server में स्टोर किए गए वेबसाइट के Address को बताता है की वो कहाँ मौजूद है.
डोमेन के प्रकार के प्रकार
Usually इस के बहुत सारे Types होते हैं लेकिन जो commonly use किये जाते हैं हम उसके बारे में बात करेंगे यहाँ.
कैसा Domain Name choose करे जो की वेबसाइट के लिए फायदेमंद हो और गूगल के अनुसार हर तरह से परफेक्ट हो.
इसी को हम थोड़ा deeply समझेंगे.
TLD – Top Level Domain
ये Highest level के होते हैं ये DNS Structure में Highest Level में आते हैं.
इस तरह के डोमेन के बहुत सारे फायदे हैं हम वेबसाइट क्रिएट इसीलिए करते हैं की ज़्यादा से ज़्यादा लोग हमारे वेबसाइट से जड़े और हमारे वेबसाइट के आर्टिकल को पढ़े से जितनी ज़्यादा ट्रैफिक होगी उतने ज़्यादा पैसे आएंगे.
TLD होने से हमारे वेबसाइट को सर्च इंजन में जल्दी ही हाई रैंक मिल जाती है और Google Adsense के approval हमे बहुत जल्दी मिल जाती है.
मेरे इस वेबसाइट में मझे वेबसाइट बनाने के एक महीने के बाद Adsense का approval मिल गया था.
TLD के एक्सटेंशन के कुछ उदाहरण निचे देखे.
• .com (Highest rank domain)
• .edu (education related)
• .net (Network related )
• .org(Organisation related website )
• .biz (Business related)
• .org(Organization related)
• .gov(Governmental related)
TLD भी कई पार्ट्स में विभाजित हैं.
GTLD – Generic TLD
example:
• .com
• .net
• .biz
• .org
• .gov
CCTLD – Country Code TLD
हर देश के location को Denote करने के लिए 2 letter साइट नाम को एस्टब्लिश किया गया है जैसे हमारे देश इंडिया के लिए .in use किया जाता है.
जो की India को represent करता है.
.ru – ये रूस को denote करता है.
Second level Domain
ये TLD के बाद आता है. जो second Level का नाम होता है उसका एक्सटेंशन थोड़ा अलग होता है TLD से.
example : co.in इस तरह का TLD आपने देखा होगा इसमें .co SLD होता है और .in TLD होता है.
Third Level Domain
Second Level के left में dot के पहले वाले को Third Level बोला जाता है.
ये left साइड में और बढ़ेंगे तो continue fourth और fifth stage कहा जाएगा.
Sub domain
ये बड़े TLD का एक छोटा हिस्सा बस होता है.
जैसे:
north.example.com
south.example.com
जब हम ब्लॉगर में फ्री का वेबसाइट बनाते हैं तो उसमे हमे अपना साइट नाम Subdomain के रूप में मिलता है.
हमारा वेबसाइट ब्लॉगर के मेन साइट नाम में बना होता है जैसे मेरा एक वेबसाइट है. wtechni.blogspot.com
यहाँ wtechni ही Subdomain कहलाएगा और blogspot.com मैं डीएनएस होगा. गूगल अपने अलग अलग सर्विसेज को मैं डोमेन से जोड़ के Subdomain के रूप में बना के रखता है.
जैसे हम यहाँ इस उदाहरण से समझ सकते हैं.
maps.google.com
mail.google.com यहाँ पर maps और mail, subdomain है.
Top DNS Provider Companies
क्या आप खुद का ब्लॉग बनाना चाहते हैं?
या फिर आप अपने किसी बिज़नेस के लिए वेबसाइट बनाना चाहते हैं.
तो आप भी खुद के लिए एक डोमेन खरीद सकते हैं.
आप को मैं कुछ DNS service provider कंपनियों के नाम बताऊंगा जहाँ से आप अपने लिए बिज़नेस को प्रस्तुत करे वैसा डोमेन खरीद सकते हैं.
नीचे दी गई कंपनियों की लिस्ट से आप किसी को भी चुन सकते हैं.
वहां रजिस्टर कर के अकाउंट बना के आप अपना डोमेन नाम रजिस्टर कर के वेबसाइट शुरू कर सकते हैं.
• GoDaddy
• Namecheap
• BigRock
• Net4 India
• Square Brothers
• India Links
• 1and1
• Znetlive
Domain Name कैसे चुने?
• DNS हमेशा वेबसाइट के निच के अनुसार होना चाहिए.
• ऐसे नाम का चुनाव करे जो छोटा हो बोलने और याद करने में बिलकुल आसान हो.
• हमेशा ये बात याद रखे की नाम और वेबसाइट से बिलकुल अलग यानि की यूनिक होना चाहिए.
• जहाँ तक हो ये कोशिश करें की TLD ही ख़रीदे.
• अपने DNS में कभी भी सिंबल और नंबर वाला न रखें.
संक्षेप में
वेबसाइट बनाने में इसकी अहम् भूमिका होती है. ये बात तो अब आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा.
दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप अब आपलोगों को समझ में आ गया होगा की Domain क्या है (What is Domain in Hindi) और इससे जानकारी भी.
अगर आप चाहते हैं की इंटरनेट से जुड़ी हर जानकारी आपको सरल भाषा में मिले तो इस ब्लॉग को आगे बढ़ने में मदद करे.
जो भी पोस्ट अच्छी लगे उसे सोशल मीडिया में जरूर शेयर करे. यहाँ आप ये भी जानेंगे की इनवर्स डोमेन क्या है.
इसके अलावा आपने ये भी जाना की इसके प्रकार क्या है.
हम अपने सभी readers को और बेहतर तरीके से हर जानकारी देते रहे इसका प्रयास करते रहेंगे.
अगर कोई सुझाव देना चाहते हैं तो जरूर बताये.
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How to Select Dmain Name
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DOMAIN
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DOMAIN
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Website Hosting
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Hosting Package
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Change Server Name
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Change Name Server Godaddy
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Types of Website
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Wordpress
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Pages
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Categories_Post
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Install_active theme
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Menus
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Requirements
ANY Freshers, Traditional Marketers, Entrepreneurs, Brand and Communication Managers, Sales Professionals
Description
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Website Management and Optimization
URL Management
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Keyword Organization and Match Types
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Social Media Strategy
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Tools Covered
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